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🌺 "माँ 😭— मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी ताकत"लेखक: विक्रांत राजलीवाल

🌺 "माँ 😭— मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी ताकत" लेखक: विक्रांत राजलीवाल जब मैं इस दुनिया में आया था, मेरी आंखें बंद थीं... लेकिन मेरी माँ की ममता मुझे पहले दिन से दिखने लगी थी। माँ – वो नाम नहीं, एक एहसास है। वो आशीर्वाद है जो बिना बोले सब कह देता है। मेरी माँ ने मुझे सिर्फ जन्म नहीं दिया, बल्कि मेरे हर संघर्ष में मेरे साथ खड़ी रही। जब मेरे पास शब्द नहीं थे, तब माँ ने मेरी आवाज़ को समझा। जब मैं गिरा, माँ ने कभी उंगली नहीं उठाई – बस हाथ थामा और फिर से खड़ा किया। आज मैं जो कुछ भी हूँ – चाहे लेखक हूँ, कवि हूँ, मुक्केबाज़ हूँ या मोटिवेशनल स्पीकर – उसकी असली नींव मेरी माँ की सीखों में है। उनकी तपस्या, उनका त्याग, उनका अनुशासन — मुझे हर रोज़ एक बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देता है। माँ ने मुझे सिखाया कि हार मानना गुनाह है, कि सच्ची ताकत बाहों में नहीं, दिल और विचारों में होती है। उन्होंने मुझे ज़िंदगी के हर मुक़ाबले में डटे रहना सिखाया — बिना थके, बिना झुके। आज जब मैं सुबह-सुबह अपनी व्यायामशाला में पसीना बहाता हूँ, तो मन ही मन अपनी माँ को याद करता हूँ — क्योंकि उनकी तपस्या ह...